Saturday, September 5, 2009

कुछ इश्क किया

कुछ इश्क किया, कुछ काम किया
वोह लोग बहुत खुश किस्मत थे
जो इश्क को काम समझते थे
या काम से आशिकी करते थे
हम जीते जी मशरूफ रहे
कुछ इश्क किया, कुछ काम किया
कम इश्क के आरय आता रहा
और इश्क से काम उलझता रहा
फिर आखिर तंग आकर हम ने
दोनों को अधूरा छोड़ दिया


Faiz again...

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